Tuesday 30 June 2020

(मानवकेलिए) सिर्फ शाकाहारही क्यूं!

बहुतसे पढतमुर्ख(पढे-लिखे हुये) मांसाहार न करनेवालोंपे सवाल करते है कीं क्या शाकाहारमें हिंसा(हत्या) नही होती! बेवकूफो शाकाहारमे हिंसा जरुर होती है लेकिन किसीका गला नही काटा जाता है या किसीके मानपे छुरी नही चलती है|
ये तो है मांसाहार न करनेके भावनिक‌ कारण लेकिन कई शारीरिक कारणभी है| मानवोंके आंतोकेलिए मांसाहार उपयुक्त नहीं है|  मानव ओठोंसे पानी पिते है और शेर-बिल्ली जैसे मांसाहारी पशू जिव्हासे| शेर-बिल्लीओंके बच्चे कोईभी भक्ष जीव दिखेतो उसपर खानेकेलिए झपटते है, मानवके नहीं| शेर-बिल्ली और मानवके दांतभी अलग आकारके होते है| इससे ये सिद्ध होता है मानवोंकेलिए शाकाहारहीं है, मांसाहार नही(वैसेभी मांसाहार मल होता है, जो खायेंगे, उनको सुअरका जन्म लेनाही पडेंगा।
ध्यानसे पढनेकेलिए धन्यवाद!

Thursday 9 January 2020

दत्तावतार: आज के संदर्भ मे!

(विशेष सूचना: ये लिखाई यमहहौऔनकेवयल आस्थावान और सश्रद्ध(सत्य के प्रति निष्ठावंत) हिंदूओकेलिएही है| दुसरे पढनेका कष्ट ना करे|)
पुराणोमे एक कथा दत्तावतार की है|रथसथथथय हिंदू संस्कृती अतिथी देवो भव की है| फिरभी अनसूया सीधे कपडे नहीं उतारती, वो कुछ क्षणोंकेलिए सोचती है और फिर निर्वस्त्र होनेका मन बनाती है और उसी समय तीनों देव बच्चे बनते है|  आजभी 'अतिथी देवो भव' तो है लेकीन आजके समयमें हमें सोचना चाहिए की कही ये हमारे लिये या राष्ट्रकेलिए नुकसानकारक तो ना हो|
जय हिंद, जय गुरुदेव(दत्त)!