बहुतसे पढतमुर्ख(पढे-लिखे हुये) मांसाहार न करनेवालोंपे सवाल करते है कीं क्या शाकाहारमें हिंसा(हत्या) नही होती! बेवकूफो शाकाहारमे हिंसा जरुर होती है लेकिन किसीका गला नही काटा जाता है या किसीके मानपे छुरी नही चलती है|
ये तो है मांसाहार न करनेके भावनिक कारण लेकिन कई शारीरिक कारणभी है| मानवोंके आंतोकेलिए मांसाहार उपयुक्त नहीं है| मानव ओठोंसे पानी पिते है और शेर-बिल्ली जैसे मांसाहारी पशू जिव्हासे| शेर-बिल्लीओंके बच्चे कोईभी भक्ष जीव दिखेतो उसपर खानेकेलिए झपटते है, मानवके नहीं| शेर-बिल्ली और मानवके दांतभी अलग आकारके होते है| इससे ये सिद्ध होता है मानवोंकेलिए शाकाहारहीं है, मांसाहार नही(वैसेभी मांसाहार मल होता है, जो खायेंगे, उनको सुअरका जन्म लेनाही पडेंगा।
ध्यानसे पढनेकेलिए धन्यवाद!
Tuesday, 30 June 2020
(मानवकेलिए) सिर्फ शाकाहारही क्यूं!
Thursday, 9 January 2020
दत्तावतार: आज के संदर्भ मे!
(विशेष सूचना: ये लिखाई यमहहौऔनकेवयल आस्थावान और सश्रद्ध(सत्य के प्रति निष्ठावंत) हिंदूओकेलिएही है| दुसरे पढनेका कष्ट ना करे|)
पुराणोमे एक कथा दत्तावतार की है|रथसथथथय हिंदू संस्कृती अतिथी देवो भव की है| फिरभी अनसूया सीधे कपडे नहीं उतारती, वो कुछ क्षणोंकेलिए सोचती है और फिर निर्वस्त्र होनेका मन बनाती है और उसी समय तीनों देव बच्चे बनते है| आजभी 'अतिथी देवो भव' तो है लेकीन आजके समयमें हमें सोचना चाहिए की कही ये हमारे लिये या राष्ट्रकेलिए नुकसानकारक तो ना हो|
जय हिंद, जय गुरुदेव(दत्त)!
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